रावण दहन ।

Yagnik Raval Yagnik Rawal Ravan Dahan Kavita Hindi
सिर्फ रावण का ही क्यों हो दहन, क्या भूल गए तुम दुशासन ? भरी सभा में छीना था नारी का सम्मान, क्या भूल गए तुम द्रौपदी का अपमान ? हैं कई रावण, दुशासन जैसे पापी जग में, उनमें से कुछ छिपकर बैठे हैं तुममें। क्या तुम खुद को जला पाओगे ? क्या भीतर से बुराई निकाल पाओगे ? अगर नहीं जला सकते खुद को,तो छोड़ दो रावण दहन को। ~ याज्ञिक रावल ✍🏻 (11/10/2024)

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